वार्ड 42 की पार्षद परमोश यादव ने हिंदी खबर चैनल के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन

 गाज़ियाबाद। वार्ड नंबर 42 की पार्षद श्रीमती परमोश यादव महिला डेलिकेशन के साथ आज अपर पुलिस आयुक्त गाजियाबाद से मिली और हिंदी खबर के पत्रकारों द्वारा उनके पति राजेश यादव व अन्य पर लिखवाए फर्जी मुकदमे की बात रखी और अपना ज्ञापन शोपा।पुलिस आयुक्त दिनेश पी ने मिलने के बाद कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में है,सीसीटीव फुटेज के आधार पर ही कार्यवाही होगी,उपरोक्त फर्जी पत्रकारों की भी रिपोर्ट मंगाई गई है।इस प्रकार आश्वासन देने के बाद डीसीपी ग्रामीण को जांच के आदेश भेज दिए हैं।

ज्ञापन में परमोश यादव नगर निगम के वार्ड संख्या 42 से निर्वाचित (भाजपा) पार्षद लिखा है कि मेरे पति राजेश यादव और अन्य के खिलाफ वेव सिटी थाने में पुलिस ने एक यू-ट्यूब चैनल हिंदी खबर जो लोगों को ब्लैकमेल करते हैं, उनके दबाव में निराधार मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही है,जबकि सीसीटीवी फुटेज में मेरे पति राजेश यादव और उनके भाई अनिल यादव किसी भी तरह की मारपीट करते नजर नहीं आ रहे हैं।बल्कि मारपीट कर रहे स्थानीय लोगो से उन्हें छुड़ाने के प्रयास कर रहे है।इसके अलावा वेव सिटी पुलिस ने पप्पन यादव के खिलाफ मोबाइल लूट का मामला बनाया है और उसे घटना स्थल पर झाड़ियों से बरामद भी दिखाया है। यदि मोबाइल लूटा गया होता तो क्या घटनास्थल पर ही पड़ा होता। इसमें भी पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। पुलिस ने इस मामले में जबरन धारा 354 लगाई है जबकि सीसीटी फुटेज से साफ हो रग है कि महिला पत्रकार को किसी ने हाथ तक नही लगाया है और उन्ही कपड़ो में वो अपने आप पुलिस चौकी गयी वहाँ का सीसीटीव भी साफ बता रहा है कि महिला के कपड़े बिल्कुल साफ है और उसके बाद अपने चैनल पर पहुँच कर साय तक उन्ही कपड़ो में दिखाई पड़ रही है और बाद में कहती है कि मेरे कपड़े फाड़ दिए थे।जिसके बाद पुलिस ने अपनी जी डी रिपोर्ट में पहले 354 की 354 क कर दी फिर 354 ख की वृद्धि की है। यह पूरी तरह से अन्याय है। हमारी मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। ब्लैक मेलिंग करने वाले यू-ट्यूब चैनल हिंदी खबर की पत्रकार ने आवास निर्माण की वीडियो बनाकर अवैध धन की मांग की थी। जब स्थानीय लोगो ने रुपए देने से इनकार कर दिया तो महिला पत्रकार ने निर्माण को तुड़वाने की धमकी दी। जिसके बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने ब्कैल मेलिंग करने वाले यू ट्यूब चैनल की टीम को घेर लिया था। मेरे पति का ऑफिस घटना स्थल के पास में ही है। जब उन्हें इस घटना की जानकारी हुई तो वह अपने चचेरे भाई अनिल यादव  के साथ मौके पर पहुंचे और यू ट्यूब चैनल हिंदी खबर की टीम को लोगो से बचाकर पुलिस को बुलाकर पुलिस को बुलाकर  वहां से सुरक्षित निकाला। चूंकि मेरे पति क्षेत्र के संभ्रांत और सम्मानित व्यक्ति हैं और जनसेवा में कार्यरत रहते हैं, इसलिए उन्होंने मुसीबत में फंसे लोगों को (जो अवैध धन उगाही की मांग के कारण लोगों के आक्रोश का शिकार होने वाले थे) वहां से सुरक्षित निकालना अपनी फर्ज समझकर कार्य किया। इसके उलट ब्लैक मेल करने वाले यू ट्यूब चैनल हिंदी खबर की पत्रकार ने मेरे पति के खिलाफ ही फर्जी तहरीर थाने पर दे दी और पुलिस ने भी चैनल के दबाव में निराधार रिपोर्ट दर्ज करके कार्रवाई कर दी। ज्ञापन में मांग की है कि ब्लैक मेलिंग करने वाले यू ट्यूब चैनल हिंदी खबर के दबाव में निराधार रूप से दर्ज की गई इस रिपोर्ट को रद्द किया जाए या फिर इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। जिससे सच्चाई सामने आए। इसके अलावा यू ट्यूब चैनल हिंदी खबर की पत्रकार की ओर से की गई अवैध धन उगाही की मांग की भी जांच की जाए, जो उसने स्थानीय लोगो से की थी। रिपोर्टर और उसके संरक्षकों के खिलाफ उचित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करके कार्रवाई की जाए। जिससे  भविष्य में यू ट्यूब चैनल की पत्रकार और उसके संरक्षक इस तरह किसी धमकाकर अवैध उगाही के लिए दबाव न बना सकें। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी खबर के मालिक व पत्रकारों के खिलाप पहले भी रंगदारी जैसे मुकदमे दर्ज है,और जो लोग इनके खिलाफ़ आवाज उठाते है उनके खिलाफ़ ये इसी तरह से मुकदमा दर्ज कराते है।आओ इसकी भली भांति जांच कर सकते है। पार्षद परमोश यादव ने कहा कि मांगों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए, अन्यथा मैं अन्य नगर निमग पार्षदों और 200 से ज्यादा महिलाओं के साथ अपनी इन्हीं मांगों को लेकर लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अपने लिए न्याय मांगने के लिए विवश हो जाउंगी।