भूली बिसरी यादें
(सुशील कुमार शर्मा,स्वतन्त्र पत्रकार)
गाजियाबाद। गाजियाबाद में एक जिलाधिकारी नवतेज सिंह ऐसे भी रहे हैं जो बहुत ईमानदार थे । यहां से कमिश्नर पद पर स्थानांतरित होकर गये थे।उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों और सफेदपोश नेताओं से नफरत थी।
जिलाधिकारी निवास पर मुलाकात के समय उठने से पहले अपने अर्दली और स्टाफ को कोठी में घूमकर देखने को भेजते थे कि कोई मुलाकाती रह तो नहीं गया। उनकेे समय में स्थानिय विधायक बालेश्वर त्यागी मंत्री थे। त्यागी जी जिलाधिकारी द्वारा उनके निवास पर हाजिरी न लगाने से नाराज़ थे। उन्होंने सदन में भी जिलाधिकारी के विरुद्ध शिकायत की कि वह किसी से मिलते नहीं हैं।इस पर मैंने तब अपने समाचार पत्र के सम्पादकीय में सच्चाई बयान की थी। सूचना विभाग से जब अखबारों की कटिंग उन्हें मिली तो उसके बाद वह मेरी साफगोइ पर मेरे और मेरे अखबार के प्रशंसक हो गये थे। मुझे याद है उसके बाद कलेक्ट्रेट में एक पत्रकार वार्ता में मैं मौजूद था तो वार्ता के बाद जिलाधिकारी मीटिंग हाल से अपने कक्ष तक मेरे कंधे पर पर हाथ रखकर मुझसे बात करते रहे थे। कुछ ऐसे अविस्मरणीय संस्मरण होते हैं जो हमेशा याद रहते हैं।