उत्तराखंड। बुलंदी साहित्यिक संस्था (अंतर्राष्ट्रीय) बाजपुर उत्तराखंड द्वारा आयोजित एक वर्चुअल काव्य गोष्टी का आयोजन किया गया। जिसमे भारत के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी जुड़े । कार्यक्रम में विशेष अतिथि" मिरर इमेज मैन ऑफ इंडिया " पीयूष गोयल भी शामिल रहे।
इसमें हैरत की बात नहीं है कि भारत ने विश्व भर में अपना नाम बुलंद किया है। हमारे भारत देश में प्रतिभाओं की कोई कामी नहीं यह तो सर्वविदित है। पीयूष गोयल ने उल्टी लेखनी से लिखे अनेकों साहित्य, अपनी अनूठी प्रतिभा से लोगों को किया हतप्रभ। एक ऐसी लेखनी जिसे केवल मिरर द्वारा ही पढ़ जा सकता है।बतो क्या आपने पहले सुना था कोई व्यक्ति सुई से , मेहंदी कोन से, कार्बन पेपर से, आयरन से, करेक्शन पेन से , वुडेन पेन से , मैजिक शीट आदि से किताब लिख सकता हैं तो आप गर्व से कह सकते हैं एक भारतीय ने ये काम कर दिया हैं ( 17 पुस्तकें हाथ से लिखना) दर्पण छवि के लेखक,पीयूष गोयल 17 पुस्तकें दर्पण छवि में लिख चुके हैं,सबसे पहली पुस्तक( ग्रन्थ) "श्री भगवद्गीता"के सभी 18 अध्याय 700 श्लोक हिंदी व् इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा हैं इसके अलावा पीयूष ने हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखित पुस्तक "मधुशाला"को सुई से लिखा हैं ,और ये दुनिया की पहली पुस्तक हैं जो सुई से व् दर्पण छवि में लिखी गई हैं इसके बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की पुस्तक "गीतांजलि"( जिसके लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर जी को सन 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था) को मेहंदी कोन से लिखा हैं ।
उन्होंने विष्णु शर्मा जी की पुस्तक "पंचतंत्र"को कार्बन पेपर से लिखा .अटल जी की पुस्तक "मेरी इक्यावन कवितायेँ"को मैजिक शीट पर लकड़ी के पैन से लिखा और अपनी लिखित पुस्तक "पीयूष वाणी" को फैब्रिक कोन लाइनर से लिखा हैं सन 2003 से 2022 तक 17 पुस्तके लिख चुके हैं साथ ही सिविल इंजीनियर होने के साथ बतौर मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में जनजागृति और लोगो को मार्गदर्शन देते रहे हैं अपितु विभिन्न साहित्यिक मंचो द्वारा अपना संदेश प्रसारित करते रहे हैं अपने हुनर की छाप कायम रखते हुए निरंतर नए शोध और लेखन पर कार्य जारी रखते हुए पीयूष गोयल ने गुंजन की रचना "नश्वर जगत से अमरता की ओर (आत्मचिंतन) "को मिरर राइटिंग में लिखकर नवोदित कलमकारों का हौसला अफजाई किया।
उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 45 देशों के हिंदी कवियों द्वारा 2 बार विश्व रिकॉर्ड कायम करने के बाद इस वर्ष मॉरिशस ,नेपाल, भारत सहित अरब देशों के विद्यालय महाविद्यालयों में 101 आयोजन कराने हेतु बुलंदी का लक्ष्य अपने आप में अद्वितीय कार्य है ।
उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत सब इंस्पेक्टर शेख सद्दाम हुसैन (शायर) , दिल्ली से गायत्री शर्मा गुँजन (कवयित्री एवं लेखिका ) सहित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा नवरात्रे के प्रथम दिवस नवदुर्गे की उपासना के साथ सामजिक एवं ज्वलंत मुद्दों पर , सुंदर काव्य पाठ किया गया । ऐसे कार्यक्रम नवोदित साहित्यकारों , कवियों एवम लेखकों के लिए सोने पर सुहागा है अतैव वैश्विक स्तर पर होने वाले वर्चुअल कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए बुलंदी संस्थापक विवेक बादल बाजपुरी का आभार व्यक्त किया । जिसमें मध्यप्रदेश से अनामिका चौकसे द्वारा शानदार मंच का संचालन किया गया ।