गाजियाबाद। जीपीए ने निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत चयनित अलाभित समूह / दुर्बल वर्ग के बालक / बालिकाओं के दाखिलों पर जिला प्रशासन और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के उदासीन रवैये को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र लिखा हम सभी जानते है कि जैसे जैसे समय निकलता जा रहा है।
वैसे वैसे आरटीई के दाखिले अधिकारियों के गले की फांस बनते जा रहे है आरटीई अधिनियम 2009 के उलघ्न करने वाले निजी स्कूलों को जहाँ अधिकारी केवल नोटिस भेजने तक सीमित है वही जीपीए ने बच्चो के आरटीई के एडमिसन को लेकर शासन प्रशासन की नाक में दम किया हुआ है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पवन शर्मा एवम आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) ग के अंतर्गत अलाभित समूह / दुर्बल वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 / पूर्व प्राथमिक कक्षा में प्रवेश के लिये जिला बेसिक शिक्षा कार्यलय द्वारा 3 चरणों में लगभग 5800 से ज्यादा बच्चों का चयन किया गया था लेकिन 4 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जिलाधिकारी एवम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 50% बच्चों का दाखिला सुनिश्चित नही कराया जा सका है अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले के लिए लगातार जिलाधिकारी , बेसिक शिक्षाधिकारी और स्कूलो के चक्कर काटने को मजबूर है अधिकारियों की उदासीनता के कारण निजी स्कूलों के हौसले इतने बढ़ गये है कि वो चयनित बच्चों के घर स्कूल स्टाफ को भेजकर वेरिफिकेशन करा रहे है अभिभावको से बैंक स्टेटमेंट , सहित अन्य अनावश्यक कागजातों की मांग की जा रही है। इसके साथ ही बहुत से स्कूल यह कह कर अभिभावको को वापस लोटा रहे है कि उनके पास जिला बेसिक शिक्षा कार्यलय से कोई सूची नही आई है और कुछ का कहना है कि उनके यहाँ सीटे फूल हो गई है बच्चों के अभिभावको द्वारा अनेको शिकायत करने पर भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाई सुनिश्चित नही की गई है 5 जुलाई 2023 को पत्रांक संख्या आर. टी.ई /न. प्रा.-2 /4138 /2023-24 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जिलाधिकारी एवम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 15 जुलाई 2023 तक आरटीई के शत प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित करा 20 जुलाई 2023 तक सम्पूर्ण विवरण सहित आख्या मांगी गई थी लेकिन शत प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित कराने की 15 -07-2023 तक कि समय सीमा समाप्त होने के बाद भी 50 % बच्चों के दाखिले स्कूलो में सुनिश्चित नही कराये जा सके है शिक्षा अधिकारी और जिला प्रशासन आरटीई के दाखिले नही लेने वाले स्कूलो को केवल नोटिस भेजने की कार्यवाई तक ही सीमित है लेकिन दाख़िला नही लेने वाले स्कूलो पर आज तक कोई ठोस कार्यवाई सुनिश्चित नही की गई जिसके कारण निजी स्कूलों द्वारा खुलकर आरटीई अधिनियम 2009 की धज्जियां उड़ाकर बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है ।अलाभित समूह / दुर्बल वर्ग के पास जानकारियों का अभाव होने के कारण वो शासन और सरकार तक शिकायत पहुचाने में असमर्थ है इसलिये गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर निवदेन किया है कि आरटीई के शत प्रतिशत बच्चों का दाखिला सुनिश्चित कराया जाये व आरटीई अधिनियम 2009 और शाशनादेशो का उलघ्न करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता प्रत्याहरण करने के लिए निर्देशित किया जाये साथ ही आरटीई के दाखिलों के प्रति उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई सुनिश्चित की जाये । जब तक शासन , प्रशासन और अधिकारियों द्वारा सभी बच्चों के स्कूलो में दाखिले सुनिश्चित नही कराये जाते तब तक जीपीए की टीम चुप बैठने वाली नही है।