गाजियाबाद। शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव के साथ जुड़ा है। शिवरात्रि का पर्व अत्यंत ही शुभ और मनोकामनाओं की पूर्ति वाला होता है।
आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि इस बार श्रावण शिवरात्रि का पर्व शनिवार 15 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन आर्द्रा नक्षत्र व मिथुन लग्न का समय शिव पूजा के लिए शुभ कहा गया है। इसके अतिरिक्त प्रदोष काल के समय संपूर्ण रात्रि के समय भी जलाभिषेक के लिए उत्तम रहेगा। शिवरात्रि के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें। स्नान के पश्चात साफ.स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा की थाली में रोली, मोली, चावल, धूप, दीप, सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, कलावा के साथ पीला फल, सफेद मिष्ठान, गंगा जल तथा पंचामृत आदि रखना चाहिए। विधि विधान से शिव भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। आसन पर बैठकर शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ साथ शिवाष्टक के पाठ को भी पढ़ना चाहिए। शिवरात्रि के पर्व समय शुद्ध सच्चे मन से मात्र शिवलिंग पर जल चढ़ाने से ही भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। भक्तों के दुख दूर कर देते हैं व भक्त को शिव लोक में स्थान प्राप्त होता है। कांवड यात्रा में गंगा जल को लाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी कष्ट और रोगों का नाश होता है।