गाज़ियाबाद। यूपी बॉर्डर ट्रांसपोर्टर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान सरदार मनजीत सिंह ने नगर आयुक्त से मांग कि है की यूपी बॉर्डर के दो किलोमीटर के मिट्टी धूल भरे सफर से आखिर कब छुटकारा मिलेगा। यूपी बॉर्डर पर रहने व कारोबार करने वाले दो लाख लोगों की जिंदगी पर खतरा बनती जा रही है।
उन्होंने कहा है कि यूपी बॉर्डर का दो किलोमीटर का सफर कहीं आम लोगों को गंभीर बीमारी से ग्रस्त ना कर दे। इसलिए नगर निगम जागे सड़कों पर पानी की बौछार से प्रदूषण नहीं हटेगा।
ट्रैफिक ज्यादा होने पर मिट्टी उड़ती है वही मिट्टी बिना चाहे शरीर में भी प्रवेश करती है। जिससे गंभीर बीमारी से भी ग्रस्त हो सकते हैं, यहां रहने व कारोबार करने वाले लोग।
नगर निगम की गाड़ी जो पानी की बौछार करने के लिए आती है, वह सड़क पर ही बौछार कर चली जाती है जबकि हाईवे की एक लाइन यानी साडे 3 मीटर की एक लेन पर मिट्टी मलवा से ढकी है और जब ट्रैफिक निकलता तो मिट्टी धूल उड़कर गले से शरीर में चली जाती है उससे गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं लोग।
नगर निगम को पूरे 2 किलोमीटर पर जो मिट्टी मलवा पड़ा है उसकी सफाई कराई जानी चाहिए। दूसरा जो लोग रात के अंधेरे में या सुबह ही यूपी बॉर्डर पर मलवा फेंक जाते हैं। ट्रैक्टर वाले उन पर भी रोक लगानी चाहिए नगर निगम चाहे उनका चालान करें या दंडित करें मगर रोक लगनी ही चाहिए।ऊपर ऊपर से कूड़ा उठाने से मिट्टी उड़ना बंद नहीं होने वाली।
यूपी बॉर्डर ट्रांसपोर्ट एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि यूपी बॉर्डर के दोनों तरफ सड़कों के किनारे साडे 3 मीटर की जो सड़क मिट्टी और मलबे के कारण ढकी हुई । कृपया उस मिट्टी को युद्ध स्तर पर उठाने का कार्य किया जाए इसी ही वजह से ही यूपी बॉर्डर पर प्रदूषण भी ज्यादा है इस प्रदूषण और मिट्टी और धूल भरी आंधी से नगर निगम जल्द निजात दिलाने का कार्य करें, ताकि लोगों की जिंदगी सुरक्षित रह सके।
सरदार मंजीत सिंह ने कहा है कि गाजियाबाद को अगर स्वच्छ गाजियाबाद बनाना है तो इन समस्याओं को दूर करना पड़ेगा। गजब गाजियाबाद लिखने से गाजियाबाद गजब नहीं बन जाएगा, उसके लिए नगर निगम को इन सारी परेशानियों को देखना होगा। स्वच्छ गाजियाबाद,स्वस्थ गाजियाबाद का अर्थ यहां के रहने वाले लोगों की सुरक्षा।
जिसे नगर निगम को प्राइटी पर देखना चाहिए मुझे उम्मीद है की नगर निगम इस तरफ जरूर ध्यान देगा।